कीटनाशक के छिड़काव से फसलों को नुकसान

रासायनिक कीटनाशकों के अंधाधुंध व असंतुलित प्रयोग से पर्यावरणीय असंतुलन व प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होने के साथ ही खेतों में पाये जाने वाले मित्र कीट भी अनजाने में मारे जाते हैं। मित्र कीट फसल की शत्रु कीटों से रक्षा करते हैं। किसान आमतौर पर यह जानते हैं कि फसलों को कीट नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन बहुत कम किसानों को यह जानकारी है कि खेतों में मित्र कीट भी होते हैं और रासायनिक कीट नाशक का छिड़काव करने से वे मर जाते हैं। मित्र कीट फसल के लिए काफी लाभदायक होते हैं। अगर मित्र कीटों को संरक्षित किया जाए तो फसलों में हानिकारक कीटों की रोकथाम पर होने वाले खर्च में काफी कमी आ सकती है। कृषि विभाग भी एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन पर जोर दे रहा है। 

प्रयास यह है कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर नाशीजीवों के नियंत्रण के लिए मात्र कीटनाशकों पर निर्भर न रहकर ऐसी मिली-जुली सुरक्षित विधियों को अपनाया जाए, जिससे मित्र कीटों, फफूंदियों, जीवाणुओं व अन्य जंतुओं को बढ़ावा मिले। मित्र कीट फसल को नुकसान पहुंचाने वाले शत्रु कीटों के अंडे और उनके बच्चों (निम्फ) को अपना भोजन बनाते हैं जिससे शत्रु कीटों के अंडे और बच्चे नष्ट होने से ऐसे नए कीट पैदा ही नहीं हो पाते हैं। 

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक शत्रु कीटों के अंडे, बच्चों को मित्र कीट खाते हैं। इससे शत्रु कीट पैदा ही नहीं हो पाते हैं। मित्र कीटों के संरक्षण के लिए किसानों को ध्यान देना चाहिए।

यह हैं मित्र कीट :

इंडोगोप भृंग, नीडोग्राहापर, श्रंगी भृंग, बड़ी आर्मिका बग, किशोरी मक्खी, मिलिड बग, मकड़ी, इपीपाइरेक्स आदि मित्र कीट हैं। इसके अलावा ट्राइकोग्रामा कार्ड पर भी मित्र कीट के अंडे होते हैं। इस कार्ड को कैंची से काटकर खेत में अलग अलग स्थानों पर लकड़ी में लगा दिया जाता है। इसे सूंडी वाले कीटों के अंडे को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस कार्ड का उत्पादन एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन प्रयोगशाला (बिल्वा) बरेली में किया जा रहा है